CONSIDERATIONS TO KNOW ABOUT SIDH KUNJIKA

Considerations To Know About sidh kunjika

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।

नवरात्रि में देवी को प्रसन्न करने के लिए इसका पाठ करें. जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.

गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।”

No. Pratyahara indicates to convey the senses within. Which is, closing off exterior notion. Stambhana fixes the notion inside by Keeping the imagined nonetheless as well as the feeling.

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः

श्री वासवी कन्यका परमेश्वरी अष्टोत्तर शत नामावलि

You need to ensure that you don’t recite it with any unwell thoughts or with any adverse intentions. 

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

On chanting normally, Swamiji states, “The more we recite, the greater we pay attention, and the more we attune ourselves to the vibration of what's being mentioned, then the more We are going to inculcate that Perspective. Our intention amplifies the Angle.”

इसके प्रभाव से more info जातक उच्चाटन, वशीकरण,  मारण, मोहन, स्तम्भन जैसी सिद्धि पाने में सफल होता है.

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